What
is Port? List important port numbers?
Answer
– Important ports are –
§ FTP
– 21
§ Telnet
– 23
§ POP3
– port 110
§ IMAP
– port 143
§ SMTP
– port 25
§ HTTP
– port 80
§ Secure
SMTP (SSMTP) – port 465
§ Secure
IMAP (IMAP4-SSL) – port 585
§ IMAP4
over SSL (IMAPS) – port 993
§ Secure
POP3 (SSL-POP) – port 995
Q15.
What are 127.0.0.1 and localhost?
Answer
– 127.0.0.1 एक लूपबैक IP
address है जिसको की localhost
भी कहते है | यह वो IP address or hostname (localhost) है जो की machine खुद को देती है | यह address same machine or computer के साथ IP connection establish करने के लिए use
किया जाता है |
Q16.
Difference between Work-group and a Domain?
Answer-
Window network मे domain
उन सभी कंप्यूटर्स का एक group
है जो की centrally
एक server
से control
होते है और सभी कंप्यूटर
का डेटाबेस सर्वर पर मैनेज होता है | Work-group मे, जब भी computer
आपस मे connected
होते है तो कोई एक जगह पर सारे computer
का database
और authentication
manage नहीं होता एंड सभी computer
खुद की user
account and settings को अपने computer
मे locally ही save करके रखते है |
Q18.
What is the Windows Registry?
Answer
– Window registry जिसको की registry
भी कहा जाता है,
windows operating system की सभी configuration
settings का hierarchical
database होता है |
Q19. What
is LDAP? Why it is used
Answer
– LDAP एक Lightweight
Directory Access Protocol होता है | यह active directory की वो protocol
है जो की database
से data
को access
करने के लिए काम आती है |
Q20. Define
virtualization?
Answer
– Virtualization ऐसा environment
प्रोवाइड करता है जिसमे एक फिजिकल कंप्यूटर पर अलग अलग OS and configuration
(RAM, storage, CPU etc) की मशीन एक साथ चलायी जा सकती है
Benefits of virtualization –
§ Number
of फिजिकल सर्वर कम हो जाते है
§ Data
center के infrastructure
को maintain
करना easy
होता है
§ Machine
को मैनेज करना आसान होता है |
§ Productivity एंड performance increase होती है |
Q21.
What is HyperV?
Q22.
What is Virtual Machine
Q23.
What is domain controller and primary function of the domain controller?
Answer
– Domain controller (DC) या network
domain controller एक Windows-based
computer system है जो की central
database मे users
की accounts
related information maintain करता है | यह windows
active directory service मे user
authentication, stores user account information एवेम windows domain मे security
policies को enforce
करने मे भी आता है |
Domain controller ही वो entity
होती है जो की system
administrators को allow
करती है की single
username and password से system
resources की permission
grant or deny कर सके जैसे की printers,
documents, folders, network locations, etc |
What
are RJ45 and RJ11 connectors?
Ans:
RJ45 connectors LAN/Ethernet connections के लिए एवेम RJ11
connectors Telephone Cable connections के लिए use
किये जाते है |
What
is Windows Server?
Answer
– Window server, Microsoft corporation के द्वारा develop
किया गया OS
है जो की windows
client OS के different
function को control
करने के लिए या manage
करने के लिए बनाया गया है जैसे
की Windows Server 2012 मे AD,
DNS, DHCP, hyperv-replication आदि features
होते है जो की डोमेन नेटवर्क मे
क्लाइंट को manage करते है |
APIPA,
Automatic Private IP Addressing का short
form है | APIPA windows
OS का एक feature
है जिसमे की नेटवर्क मे DHCP client machine APIPA के लिए सेल्फ configured
होती है | किसी भी नेटवर्क मे जब कोई DHCP client मशीन boot होती है तो वो DHCP
सर्वर को देखती है जिससे की एक valid
नेटवर्क IP
एड्रेस मिल सके | लकिन जब DHCP server नहीं मिलता तो विंडोज मशीन APIPA
फीचर को use
करते हुए एक specified
range (जो की रिज़र्व होती है) मे से IP
address मशीन को दे देती है |
APIPA
ranges : APIPA की IP
address range है –
169.254.0.1 through 169.254.255.254 with class B subnet mask 255.255.0.0 |
According to Microsoft APIPA service regularly check( every five minutes)
DHCP server in network | जैसे ही APIPA
को DHCP
Server सर्वर मिलता है APIPA सर्विस बंद हो जाती है एवं APIPA address को DHCP सर्वर से मिले हुए IP
address से replace
कर दिया जाता है |
Router
vs Modem : आप बहुत बार router
and modem के बीच मे confuse होते होंगे क्योकि ये लगभग एक सी दिखने वाली devices है| दोनों का साइज लगभग एक सा होता है, दोनों मे फ्लशिंग लाइट्स होती है एवं दोनों को कम्प्यूटर्स से कनेक्ट
किया जा सकता है| लकिन दोनों का फंक्शन बिलकुल अलग
है –
जब किसी भी ISP से इंटरनेट कनेक्शन लिया जाता है
तो वो या तो टेलीफोन केबल के जरिये या फिर Ethernet के जरिये कनेक्शन देता है | जब कनेक्शन टेलीफोन केबल के through दिया जाता है तो उसको modem मे लगाना होता है क्योकि modem analog signals को digital signals मे या digital को analog कन्वर्ट करने का काम करता है | अब इस modem को हमको आगे एक केबल के जरिये router
से कनेक्ट करना होता है |
router से कनेक्ट करने के बाद, वो router एक से ज्यादा कंप्यूटर को कनेक्ट
कर सकता है (according to राऊटर ports
and capacity) |
Router
से कनेक्ट होने वाले कंप्यूटर को
router DHCP से IP
एड्रेस देने के आलावा इंटरनेट से
कनेक्ट करने का काम भी करता है| जब किसी कंप्यूटर को router
से कनेक्ट किया जाता है तो router
उसको एक प्राइवेट IP
एड्रेस देता है फिर उसको NAT
के जरिये modem
से होते हुए इंटरनेट सर्विस
प्रोवाइड करता है | दोनों मे डिफरेंस इस प्रकार है –
Modem
आपको ISP
से टेलीफोन लाइन के (Rj11
port) जरिये इंटरनेट से कनेक्ट करता है जबकि Router एक से ज्यादा कंप्यूटर को same
network मे join
करने लिए allow
करता है |
Modem
का काम आपके ISP
से आये हुए Analog
Singal को digital
एवं digital
को analog
signal मे करने का होता है जबकि router का काम modem से मिलने वाली इनफार्मेशन को computers
को डिलीवर करने का होता है|
Modem
को एक से ज्यादा कंप्यूटर से
नहीं कनेक्ट किया जा सकता जबकि router को एक से ज्यादा कंप्यूटर से
कनेक्ट कर सकते है|
DHCP जब एक network का computer
start होता है एवं उस कंप्यूटर की DHCP
Client service होती है, वो क्लाइंट सर्विस चेक करती है की कंप्यूटर मे static
IP address है या computer
मे DHCP
की setting
है| अगर Computer मे DHCP
की सेटिंग होती है तो कंप्यूटर DHCP
Client service के जरिये DHCP
server से IP
Address के लिए request
करता है|
server को जब request मिलती है तो वो उस कंप्यूटर की validity
को चेक करने के बाद अपने defined
range (scope) and rules के अनुसार एक IP
address रिज़र्व करके उस computer
को भेज देता है| इस प्रकार उस नेटवर्क computer को IP address मिलता है
DHCP
के फायदे :-
Reliable
IP address configuration – जब किसी network
मे DHCP
को use
किया जाता है तो यह manual
IP configuration की तुलना मे IP
configuration errors कम करता है जैसे की typographical
errors, IP address duplication आदि |
Network
administration मे लगने वाला time
बचाता है : किसी network
मे DHCP
configuration करने से system
and network administrator के मैन्युअल task
को कम करता है | देखिये कैसे –
1. क्योकि यह clients को Centralized and automated TCP/IP configuration
करता है |
2. Clients
के IP
address को easily
schedule time पर update
करता है |
Cookies Definition : जब कोई user internet पर किसी वेबसाइट को browse
or visit करता है तो website
के दवारा एक छोटी सी data
file को उस computer पर स्टोर किया जाता है इसको web
cookies कहते है |
Next time जब भी यूजर वापस उस website
को visit
करता है तो web
browser उस saved
cookie को website
के server
सर्वर पर upload करके user की last activities को बताता है |
Cookies को आपकी browsing
history एवं other
important information याद रखने के लिए ही design
किया गया है जैसे की shopping
website visit करते समय आपने कौनसे product
को shopping
cart मे add
किया था या आपने गूगल पर कौनसा
प्रोडक्ट सर्च किया था ये सभी cookies
की help
से ही पता चलता है |
वैसे तो cookies बहुत सारे काम करती है लकिन इसका
important काम वेबसाइट की login
information को store
करना भी होता है कुछ website
username and password दोनों information
save करते है एवं कुछ केवल username
| कोई भी cookies
मे निचे दिया हुए components
होते है –
Handshaking
in computer networks
Handshake
kya hota hai : Information technology, digital tech fields and
telecommunications मे handshaking
negotiation का एक automated
process है जो की किसी भी channel मे दो entities
के बिच मे normal
communication start होने से पहले कुछ parameters
के साथ set
किया जाता है | यह Channel के physical
establishment को फॉलो करता है एवं normal
information को transfer
करता है | Handshaking
तब चालू होता है जब एक device
दूसरी device
को ये indicate
करती हुए message
करती है की यह connection
establish करने के लिए ready
है इसके बाद दोनों devices
communication channel मे messages
भेजती है जो की उनके बिच connection
and trust establish करने लिए जरुरी होता है और फिर
दोनों डिवाइस communications protocol के लिए agree
करते हुए connection
के लिए agree
करती है |
Handshake
Process किसी भी communication
के rules
को establish
करने के लिए होता है | जब computer किसी भी दूसरी device
से communicate
करता है जैसे की modem,
printer, or network server तो इसको उस connection
मे handshake
की जरुरत पड़ती है |
Handshake प्रोसेस मे प्रोटोकॉल इन्वॉल्व होती है एक simple
handshake protocol केवल message
receiver का काम कर सकती है for example “मुझे आपका last
message मिल गया है and
मे आगे के आपके message
के लिए ready
हूँ | आप आगे के message भेज सकते है” जबकि एक complex handshake protocol का काम ये भी हो सकता है की sender को receiver से ये पूछने के लिए allow
करें की “क्या आप message receive करने के लिए ready
है या फिर आपका last message नहीं मिला please
resend it” |