TCP/IP का Full Form TCP के लिए Transmission Control Protocol और IP के लिए Internet Protocol हैं, TCP/IP को "the language of the Internet." के नाम से भी जाना जाता हैं। TCP/IP WWW का एक Protocol है, जिसके द्वारा हम किसी भी Computer में आसानी से Internet Access करने के लिए Use करते है। अगर किसी नेटवर्क में दो Devices है तो उन्हें आपस में Communicate करने के लिए Common Protocol की जरुरत होगी। TCP/IP Model(Protocol) end-to-end Communication उपलब्ध कराता है। आज के Internet का विकास ARPAnet के रूप में हुआ जब, Advanced Research Projects Agency (ARPA) ने 1969 में Cold war (During 1945 to 1990 Between USA and USSR (Soviet Union)) के समय हुआ था जब उन्हें लगा की कोई ऐसा कम्युनिकेशन System हो जो Nuclear War में भी use किया जा सके।
ARPAnet में जिस Protocol का Use हुआ उसे Network Control Protocol (NCP) कहा गया। बाद में जब इसकी जरुरत बढ़ी और ये जब एक बड़े नेटवर्क को connect करने में असफल हो रहा था, तब 1974 में Vint Cerf और Bob Kahn ने एक नई टेक्नोलॉजी को Introduced किया, जिसे Transmission Control Protocol (TCP) कहा गया जो जल्द ही NCP को Replace करता, तभी साल 1978 में कुछ नए Development के बाद एक नये Protocol Suite को Introduce किया गया जिसे Transmission Control Protocol/Internet Protocol (TCP/IP) कहा गया। फिर उसके बाद 1982 में ये dicide हुआ की अब NCP को TCP/IP से बदला जायेगा,जिसे ARPAnet का Standard Lanugage के रूप में।
इस प्रकार से 1983 में ARPAnet को TCP/IP से बदल दिया गया और Network का विकास बहुत तेजी से हुआ। तो इसी आधार पर हम कह सकते है कि आज के TCP/IP Model का विकास ARPAnet से हुआ।
TCP/IP दो Computers के बीच Information Transfer और Communication को Possible करता है । इसका प्रयोग Data को सुरक्षित ढंग से भेजने के लिए किया जाता है । TCP की भूमिका DATA को छोटे-छोटे भागों (Packets) में बाँटने की होती है और IP इन Packets का Address मुहैया कराता है । TCP/IP Network Protocol Internet पर एक साथ भिन्न आकार और विभिन्न प्रकार के Systems Network से Connect करने की इसकी क्षमता के कारण सफल है। TCP/IP का Implementation लगभग सभी प्रकार के Hardware व Operating System के लिए समान रूप से काम करता है इसलिए सभी प्रकार के Networks TCP/IP के प्रयोग द्वारा आपस में Connect हो सकते हैं।
TCP/IP Protocol में 4 Layer होती है जो निम्न है:-
01). Network Access layer (Network Interface Layer):-
यह TCP/IP मॉडल की सबसे निम्नतम लेयर है। TCP/IP का Network Layer, OSI Reffrence Models के पहले तीन निचले Layers (i.e ... Network, Data Link, and Physical) के सभी function को Complete करता है। नेटवर्क एक्सेस लेयर यह describe करती है कि किस प्रकार से किसी भी IP DataGram को नेटवर्क में sent करना है। Network Layer में जो Data होता है वह Packet (Data के समूह) के रूप में होता है और इन पैकेटों को source से destination तक पहुँचाने का काम Network Layer का होता है। Network layer जैसे ही किसी नई Hardware को Detect करती हैं, नए Network Acsess Protocoal को विकसित करती है ताकि टीसीपी / आईपी नेटवर्क नए हार्डवेयर का इस्तेमाल आसानी से कर सकें।
02). Internet layer (Network Layer) :-
TCP/IP Model में Internet लेयर का काम OSI Refrence Model के Layer 3 की तरह ही काम करता हैं, यह लेयर ट्रांसपोर्ट लेयर तथा एप्लीकेशन लेयर के मध्य स्थित होती है। यह लेयर नेटवर्क में connectionless कम्युनिकेशन उपलब्ध कराती है। इसमें डेटा को IP datagrams के रूप में पैकेज किया जाता है यह datagram source तथा destination IP एड्रेस को contain किये रहते है जिससे कि डेटा को आसानी से sent तथा receive किया जा सकें। TCP/IP Internet Layer's के अंतर्गत आने वाले Major Protocols है :-
Internet Protocol (IP),
Internet Control Message Protocol (ICMP),
Address Resolution Protocol (ARP),
Reverse Address Resolution Protocol (RARP)
Internet Group Management Protocol (IGMP).
03). Transport layer:-
TCP/IP Model का Transport layer Data के Transmission के लिए जिम्मेदार होती है यह लेयर एप्लीकेशन लेयर तथा इंटरनेट लेयर के मध्य स्थित होती है। Transport layer में Error checking, flow control भी होता हैं ताकि दो Communiction के बीच कोई भी डाटा अपने सही Reciver और Sender तक पहुँच सके, अगर में आसान शब्दों में कहें, तो ये Multiplexing और De-Multiplexing के Process के लिए जिम्मेवार होता हैं। इस लेयर में दो मुख्य प्रोटोकॉल कार्य करते है:-
04). Application layer:-
TCP/IP Protocol की सबसे उच्चतम layer को Application Layer कहते है। यह Layer Applications को Network Services उपलब्ध करने से सम्बंधित होती है। इस Layer का सम्बन्ध किसी भी Data के formation, Encapsulation और Transmission से होता हैं। ये Layer Human Interaction का काम करती हैं जैसे: Web-browser, Email तथा अन्य Application के लिए Window उपलब्ध कराना. इस Layer का काम Transport Layer को Data भेजना और उससे Data को Receive करना । Application Layer में होने वाले कुछ Protocols निम्न प्रकार से है:-
TCP/IP History in Hindi:
ARPAnet में जिस Protocol का Use हुआ उसे Network Control Protocol (NCP) कहा गया। बाद में जब इसकी जरुरत बढ़ी और ये जब एक बड़े नेटवर्क को connect करने में असफल हो रहा था, तब 1974 में Vint Cerf और Bob Kahn ने एक नई टेक्नोलॉजी को Introduced किया, जिसे Transmission Control Protocol (TCP) कहा गया जो जल्द ही NCP को Replace करता, तभी साल 1978 में कुछ नए Development के बाद एक नये Protocol Suite को Introduce किया गया जिसे Transmission Control Protocol/Internet Protocol (TCP/IP) कहा गया। फिर उसके बाद 1982 में ये dicide हुआ की अब NCP को TCP/IP से बदला जायेगा,जिसे ARPAnet का Standard Lanugage के रूप में।
इस प्रकार से 1983 में ARPAnet को TCP/IP से बदल दिया गया और Network का विकास बहुत तेजी से हुआ। तो इसी आधार पर हम कह सकते है कि आज के TCP/IP Model का विकास ARPAnet से हुआ।
TCP/IP Reference Models:
TCP/IP दो Computers के बीच Information Transfer और Communication को Possible करता है । इसका प्रयोग Data को सुरक्षित ढंग से भेजने के लिए किया जाता है । TCP की भूमिका DATA को छोटे-छोटे भागों (Packets) में बाँटने की होती है और IP इन Packets का Address मुहैया कराता है । TCP/IP Network Protocol Internet पर एक साथ भिन्न आकार और विभिन्न प्रकार के Systems Network से Connect करने की इसकी क्षमता के कारण सफल है। TCP/IP का Implementation लगभग सभी प्रकार के Hardware व Operating System के लिए समान रूप से काम करता है इसलिए सभी प्रकार के Networks TCP/IP के प्रयोग द्वारा आपस में Connect हो सकते हैं।
TCP/IP Protocol में 4 Layer होती है जो निम्न है:-
01). Network Access layer (Network Interface Layer):-
यह TCP/IP मॉडल की सबसे निम्नतम लेयर है। TCP/IP का Network Layer, OSI Reffrence Models के पहले तीन निचले Layers (i.e ... Network, Data Link, and Physical) के सभी function को Complete करता है। नेटवर्क एक्सेस लेयर यह describe करती है कि किस प्रकार से किसी भी IP DataGram को नेटवर्क में sent करना है। Network Layer में जो Data होता है वह Packet (Data के समूह) के रूप में होता है और इन पैकेटों को source से destination तक पहुँचाने का काम Network Layer का होता है। Network layer जैसे ही किसी नई Hardware को Detect करती हैं, नए Network Acsess Protocoal को विकसित करती है ताकि टीसीपी / आईपी नेटवर्क नए हार्डवेयर का इस्तेमाल आसानी से कर सकें।
02). Internet layer (Network Layer) :-
TCP/IP Model में Internet लेयर का काम OSI Refrence Model के Layer 3 की तरह ही काम करता हैं, यह लेयर ट्रांसपोर्ट लेयर तथा एप्लीकेशन लेयर के मध्य स्थित होती है। यह लेयर नेटवर्क में connectionless कम्युनिकेशन उपलब्ध कराती है। इसमें डेटा को IP datagrams के रूप में पैकेज किया जाता है यह datagram source तथा destination IP एड्रेस को contain किये रहते है जिससे कि डेटा को आसानी से sent तथा receive किया जा सकें। TCP/IP Internet Layer's के अंतर्गत आने वाले Major Protocols है :-
Internet Protocol (IP),
Internet Control Message Protocol (ICMP),
Address Resolution Protocol (ARP),
Reverse Address Resolution Protocol (RARP)
Internet Group Management Protocol (IGMP).
03). Transport layer:-
TCP/IP Model का Transport layer Data के Transmission के लिए जिम्मेदार होती है यह लेयर एप्लीकेशन लेयर तथा इंटरनेट लेयर के मध्य स्थित होती है। Transport layer में Error checking, flow control भी होता हैं ताकि दो Communiction के बीच कोई भी डाटा अपने सही Reciver और Sender तक पहुँच सके, अगर में आसान शब्दों में कहें, तो ये Multiplexing और De-Multiplexing के Process के लिए जिम्मेवार होता हैं। इस लेयर में दो मुख्य प्रोटोकॉल कार्य करते है:-
- Transmission control protocol(TCP)
- User datagram Protocol(UDP)
04). Application layer:-
TCP/IP Protocol की सबसे उच्चतम layer को Application Layer कहते है। यह Layer Applications को Network Services उपलब्ध करने से सम्बंधित होती है। इस Layer का सम्बन्ध किसी भी Data के formation, Encapsulation और Transmission से होता हैं। ये Layer Human Interaction का काम करती हैं जैसे: Web-browser, Email तथा अन्य Application के लिए Window उपलब्ध कराना. इस Layer का काम Transport Layer को Data भेजना और उससे Data को Receive करना । Application Layer में होने वाले कुछ Protocols निम्न प्रकार से है:-
- Hypertext Transfer Protocol (HTTP)
- Simple Mail Transfer Protocol (SMTP)
- Dynamic Host Configuration Protocol (DHCP)
- Domain Name System (DNS)
- Simple Network Management Protocol (SNMP)
- File Transfer Protocol (FTP)
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